चुनाव से पहले बंगाल में गरमाई सियासत, BJP और RSS मैदान में उतरे साथ

कोलकत्ता 

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के बड़े मिशन के लिए छह महीने पहले से ही अपनी तैयारी अपनी चुनावी जमीनी तैयारियों पर अमल शुरू कर दिया है। राज्य में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों और सभी हिस्सो में अपनी पहुंच को मजबूत करने के लिसए पार्टी ने तीन स्तरीय रणनीति पर काम करना शुरू किया है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी उसकी मदद कर रहा है।

इस रणनीति में आरएसएस के कार्यकर्ता ओपीनियन लीडर और बीजेपी के बूथ कार्यकर्ता बिना कीसी शोर शराबे के लोगों को बदलाव के लिए तैयार कर रहे हैं। बता दें कि हाल के वर्षो में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाया है। तीन दशकों तक राज करने वाले वामपंथी दलों और उनके पहले सत्ता में रही कांग्रेस को बीजेपी ने सत्ता की लड़ाई से ही बाहर कर दिया है। अब लड़ाई में सत्तारूढ़ टीएमसी और ममता बनर्जी ही बची हैं।
पिछले चुनाव में तीन से 77 तक पहुंची थी बीजेपी

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पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी सीटें तीन से बढ़ाकर 77 तक पहुंचा दी थीं। कांग्रेस और वामपंथी दलों का तो खाता भी नहीं खुल पाया था। तब बीजेपी ने बदलाव का एक माहौल तैयार कर दिया था। ममता बनर्जी ने सीधी लड़ाई में भारी जीत दर्ज की थी। हालांकि बीजेपी को अपनी जमीन मजबूत करने का मौका मिल गया था।

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कैसे गांव-गांव तक पहुंच रही बीजेपी

बीजेपी ने पहले खुद को नीचे के स्तर पर मजबूत करना शुरू किया। संगठन में कुशल रणनीतिकार माने जाने वाले सुनील बंसल को बड़ी जिम्मेदारी दी गई। बीजेपी ने जमीनी स्तर पर जन-जन तक पहुंच बनाने के लिए ओपीनियन लीडर्स तैयार किए। पार्टी के एक बड़े नेता का कहना है कि लोगों में घुसपैठ को लेकर काफी नाराजगी है। इसके अलावा टीएमसी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी बढ़ रही है। बीजेपी को अब लोगों को बदलाव का भरोसा दिलाना है। इसके लिए कार्यकर्ताओं से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक प्रयासरत है।

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